हौसला एवं उत्साह बढ़ाने वाली कविता। जज्बे से वक्त को बदलने की हमें आदत है।

Hindi Motivational Poem

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उत्साह बढ़ाने वाली हिंदी प्रेरक कविता 

मुश्किल भरी रास्तों पे 
चलने की हमें आदत है।
हम तो है परवाने यूं ही
जलने कि हमें आदत है।

डरते नहीं है हम कभी
इन वक्त के तूफानों से।
जज्बे से हर वक्त को
बदलने कि हमें आदत है।


हर कदम हर मोड़ पर
खुद को ही आजमाते है।
थकते है चलते चलते पर
 हिम्मत नहीं गंवाते है।


मुंह के बल  गिरते है पर
संभलने की हमें आदत है।
जज्बे से हर वक्त को
बदलने कि हमें आदत है।

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चलते है प्रवाह से तो 
रोके नहीं रुक पाते है।
बनके नदियों की धारा
पर्वतों में राह बनाते है।


पत्थरीली राहों से भी 
निकलने की हमें आदत है।
जज्बे से हर वक्त को
बदलने कि हमें आदत है।


हार हमें पसन्द नहीं है,
पास न जाया करते है।
जीत ही केवल मकसद है
छीन के लाया करते है।


हार के अपनी बाजी न
मचलने कि हमें आदत है।
जज्बे से हर वक्त को
बदलने कि हमें आदत है।


हम तो है आजाद परिंदे
अपना आशियाना बनाते है।
दो वक्त के दाना-पानी
खुद ही ढूंढ कर लाते है।


टुकड़ों पे किसी और के न
पलने की हमें आदत है।
जज्बे से हर वक्त को
बदलने कि हमें आदत है।

     


टूटते नहीं मुसीबतों में
यही अपनी पहचान है।
हिलते नहीं हवाओं से
हम तो एक चट्टान है।

बर्फ नहीं जो दो पल में
पिघलने कि हमें आदत है।
जज्बे से हर वक्त को
बदलने कि हमें आदत है।


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(इस कविता का copyright कराया जा चुका है। इस कविता का मकसद आपको प्रेरित करना है। किसी भी व्यायसायिक कार्य में बिना अनुमति के इसका प्रयोग वर्जित है।)

निचे इस कविता का उदेश्य एवं संक्षिप्त विवरण दिया जा रहा हैं जिसे आपको अवश्य ही पढ़नी चहिये क्योंकि यह प्रेरणा से भरा हुआ एक अति-प्रेरणादायक लेख हैं।

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कविता का उद्देश्य एवं संक्षिप्त विवरण
मुश्किल भरी रास्तों पे 
चलने की हमें आदत है।
हम तो है परवाने यूं ही
जलने कि हमें आदत है।

डरते नहीं है हम कभी
इन वक्त के तूफानों से।
जज्बे से इस वक्त को ही
बदलने कि हमें आदत है।

इस हिंदी प्रेरक कविता  में एक ऐसे व व्यक्तितव को दर्शाया गया है जो किसी भी परिस्थिति में खुद को कमजोर नहीं पड़ने देता। वो अपने हिम्मत और हौसलों को कभी कम नहीं होने देता, वो अपने उत्साह को कभी फिका नहीं पड़ने देता तथा उसे वहीं काम करने में  ज्यादा आंनद आता है, जिसमें चुनौतियां बहुत ज्यादे हो।  वो हर परिस्थिति का सामना करने के लिए हमेशा तैयार रहता है।

याद रखिए ऐसे ही व्यक्ति इतिहास रचते है जिन्हें वक्त और परिस्थिति दोनों को  ही बदलने कि आदत होती है। ऐसा नहीं है की ऐसे लोग किसी दूसरी दुनिया से आते है या फिर उनकी शारीरिक संरचना हमसे अलग होती है या उनके दिमाग का वजन हमारे दिमाग के वजन से ज्यादा होता है। ऐसा बिलकुल भी नहीं है ये लोग जो इतिहास बनाते है, वो भी हमारे जैसे ही साधारण लोग ही होते है फर्क सिर्फ और सिर्फ सोच का होता है।

हम अपने आप को कमजोर मानते है और विकट परिस्थिति में लड़ने से पहले ही कोई न कोई बहाना ढूंढकर हार मान लेते है, जबकि वो अपने आप को मजबूत मानते है और विकट परिस्थिति में भी नहीं हारते बल्कि और ताकत से लड़ते है और तब तक लड़ते है जब तक कि जीत न जाए। बस यही फर्क है हममें और उनमें।

             
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चलते है प्रवाह से तो 
रोके नहीं रुक पाते है।
बनके नदियों की धारा
पत्थर में राह बनाते है।

पत्थरीली राहों से भी 
निकलने की हमें आदत है।
जज्बे से इस वक्त को ही
बदलने कि हमें आदत है।

ये सौ प्रतिशत सही है कि जिनका उत्साह का लेबल हमेशा ऊपर होता है उनके चलने की गती एक सामान्य व्यक्ति से हमेशा तेज होती और ये वैज्ञानिक रूप से भी प्रमाणित है। जी हां, ये बिल्कुल प्रमाणित है इसी लिए कई बड़े-बड़े लेखक भी अपने लेख में लिखते है कि इंसान को अपनी समान्य गती से हमेशा 20 प्रतिशत तेज चलना चाहिए इससे आत्मविश्वास बढ़ता है। आपको भी इसका अभ्यास करनी चाहिए आप खुद भी महसूस करेंगे।

और ऐसे लोग जिनका आत्मविश्वास चरम पर होता है उन्हें आधी समस्या, जिसे हम बहुत बड़ी मानकर पीछे हट जाते है, वो उन्हें समस्या ही नहीं लगती है। ऐसी छोटी मोटी समस्या को तो उनका आत्मविश्वास ही निगल जाता है। यदि बड़ी समस्या आती भी है तो वो भी ज्यादा देर तक टिक नहीं पाती है।


                                


हम तो है आजाद परिंदे
अपना आशियाना बनाते है।
दो वक्त के दाना-पानी
खुद ही ढूंढ कर लाते है।

टुकड़ों पे किसी और के न
पलने की हमें आदत है।
जज्बे से इस वक्त को ही
बदलने कि हमें आदत है।

 इस पंक्ति में वह व्यक्ति कहता है कि वो आजाद है, वो अपना आशियाना खुद ही बनाता है और अपने दाना पानी का जुगाड भी खुद ही करता है, वो किसी और के टुकड़ों का इंतेज़ार नहीं करता।

देखिए सफल होने के लिए एक व्यक्ति को हमेशा स्वालंबी होना ही चाहिए क्योंकि किसी और के दम पर तो कोई सफल हो ही नहीं सकता। सफलता प्राप्त करने के लिए आपके पास हुनर होनी चाहिए, आपके पास समझ होनी चाहिए जिससे कि आप किसी भी परिस्थिति से बाहर निकल सके , आपका अपना एक अनुभव होना चाहिए, एक अपना बनाया हुआ मार्ग होना चाहिए और ये सबकुछ  होने के बाद जो आता है वह है कि आपके पास एक आत्मविश्वास होनी चाहिए और ये सब तभी आपके पास होता है जब आप स्वलंबी होते है, जब आप स्वयं ही अपना कार्य करते हुए आगे बढ़ते है और जब आप स्वयं ही हर परिस्थितियों का सामना करते है।


यहां पर एक और  हिंदी प्रेरक कविता है 'है यकीन खुद पे जिनको वो चलने से नहीं डरते है।' जो एक स्वालंबी व्यक्ति का चित्र वर्णन करती है जिसे आप पढ़ सकते है।


उम्मीद करता हूं कि इस प्रेरणादायक कविता से आपको काफी प्रेरणा मिली होगी। ऐसी ही और प्रेरणादायक कविताएं पढ़ने के लिए आप मेरी वेबसाइट  www.powerfulpoetries.com पर जा सकते है जहां से आप अपने आप को लगातार Motivate कर सकते है।

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Hindi Motivational Poem

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