सफलता दिलाने वाली हिंदी प्रेरक कविता। दो चार कदम और चल राही।
देख उफनती नदियों को ना
अपनी राह बदल राही
बस आगे ही मंजिल है
दो चार कदम और चल राही।
लाखों पांव कि धमनियों से
इतना क्यों घबराता है।
इसी भीड़ में चलकर ही
हर कोई मंजिल को पाता है।
भय को मन से दूर भगा
मकसद से अपने निकल राही।
बस आगे ही मंजिल है
दो चार कदम और चल राही।
हर नदियों कि गोद में ना
हर पत्थर के पास है।
फिर भी हीरा उसे मिलता है
सिद्दत से जिसे तलाश है।
चलते रहना ही जीवन है
आदत में खोज की ढल राही।
है आदत जो ढूढ़ने की,
कई अवसर मिल जाएंगे।
कुछ तो ऐसे भी होंगे जो
मंजिल तक पहुंचाएंगे।
व्यर्थ न कोई अवसर जाए
चौकन्ना रह हर पल राही।
कहीं सबेरा कहीं अंधेरा
कहीं दिन कहीं रात होगी।
कहीं हर्षोल्लास, कहीं पे
इंतेहान की बात होगी।
गुजर गया जो इनसे तो
दुनिया बदलेगा कल राही।
है आदत जो ढूढ़ने की
कई अवसर मिल जाएंगे।
कुछ तो ऐसे भी होंगे जो
मंजिल तक पहुंचाएंगे।
चलते रहना ही जीवन है
आदत में खोज की ढल राही।
बस आगे ही मंजिल है
दो चार कदम और चल राही।
है आदत जो ढूढ़ने की,
कई अवसर मिल जाएंगे।
कुछ तो ऐसे भी होंगे जो
मंजिल तक पहुंचाएंगे।
व्यर्थ न कोई अवसर जाए
चौकन्ना रह हर पल राही।
बस आगे ही मंजिल है
दो चार कदम और चल राही।
![]() |
हिंदी प्रेरक कविता |
कहीं सबेरा कहीं अंधेरा
कहीं दिन कहीं रात होगी।
कहीं हर्षोल्लास, कहीं पे
इंतेहान की बात होगी।
गुजर गया जो इनसे तो
दुनिया बदलेगा कल राही।
बस आगे ही मंजिल है
दो चार कदम और चल राही।
**********
***********
(इस कविता का copyright कराया जा चुका है। इस कविता का मकसद आपको प्रेरित करना है। किसी भी व्यायसायिक कार्य में बिना अनुमति के इसका प्रयोग वर्जित है।)
निचे इस कविता का उदेश्य एवं संक्षिप्त विवरण दिया जा रहा हैं जिसे आपको अवश्य ही पढ़नी चहिये क्योंकि यह प्रेरणा से भरा हुआ एक अति-प्रेरणादायक लेख हैं।
*************
_________________________________________________________________________________
कविता का उद्देश्य एवं संक्षिप्त विवरण
देख उफनती नदियों को
ना अपनी राह बदल राही
आगे ही तेरी मंजिल है
दो चार कदम और चल राही।
यह कविता उन लोगो को प्रेरणा देने के लिए है जो किसी कार्य को करना तो चाहते है, किन्तु जैसे ही कोई मुश्किल आती है वो मार्ग बदल देते है अर्थात् अपना काम छोड़ कर किसी और काम में लग जाते है। थोड़ी सी मुश्किलों के सामने अपनी सारी उम्मीदों का, सारे सपनो का समर्पण कर देते है। ये कविता उन लोगो को यही प्रेरणा देती है कि आप अपने लक्ष्य के पास ही है बस थोड़ी और मेहनत कीजिए सफलता निश्चित ही मिलेगी।
लाखों पांव कि धमनियों से
इतना क्यों घबराता है।
इसी भीड़ में चलकर ही
हर कोई मंजिल को पाता है।
आज के इस वक्त में ऐसा कोई भी काम नहीं है जहां प्रतिस्पर्धा नहीं है लेकिन क्या जो लोग उस काम में सफल हुए है उनके लिए प्रतिस्पर्धा नहीं था? प्रतिस्पर्धा तो हर व्यक्ति के लिए है, लेकिन जो इससे डरते नहीं है और निष्ठा से अपने काम में लगे रहते है वो सफल हो जाते है।
है आदत जो ढूढ़ने की
कई अवसर मिल जाएंगे।
कुछ तो ऐसे भी होंगे जो
मंजिल तक पहुंचाएंगे।
ये सत्य है कि जीवन यापन के लिए काम करना तो हर इंसान की मजबूरी है लेकिन काम करते-करते यदि आप आगे बढ़ने के अवसर भी खोजते रहते है तो यही सबसे अच्छी आदत है। आप भले ही गौर न करे किन्तु हर इंसान को हर वक्त कोई न कोई अवसर मिलता रहता है जिसे लोग अज्ञानतावश पहचान नहीं पाते है, लेकिन जो इसे पहचान लेते है वो सफल हो जाते है। इसी लिए कहा गया है कि आपको हमेशा चौकन्ना रहना चाहिए जिससे कि कोई भी सुनहरा अवसर आपके हाथ से न निकल जाए।
कहीं सबेरा कहीं अंधेरा
कहीं दिन कहीं रात होगी।
कहीं हर्शोल्लास कहीं पे
इंतेहान की बात होगी।
जब इंसान अपने कर्म पथ पर आगे बढ़ता है तो कभी उसे सब कुछ सहज दिखता है मानो जैसे दिन है और सब कुछ सामने नजर आ रहा हो। हर समस्या के समाधान उसके पास होता है, हर योजना सामने होती है, और रास्ता बिल्कुल स्पष्ट दिखता है। किन्तु कई बार ऐसा भी होता है कि आपके के पास कोई समाधान नहीं होता, कोई योजना काम नहीं आती, कुछ समझ में नहीं आता कि क्या करे। ऐसा लगता है जैसे चारो तरफ अंधेरा है, जहां रास्ता जरा सा भी नजर नहीं आता।
परंतु क्या ये वक्त हमेशा के लिए होता है, जी नहीं ये वक्त भी बहोत जल्दी गुजर जाता है। किन्तु, लोग यहीं पे हताश हो जाते है और या तो मार्ग बदल देते है या फिर चलना ही छोड़ देते है। मेरे हिसाब से ऐसे वक्त में आपको चलना नहीं छोड़ना चाहिए बस अपनी गती को थोड़ी धीरे कर लेनी चाहिए और चौकन्ना हो जाना चाहिए जिससे कि आपको ठोकर न लगे, किन्तु किसी भी परिस्थिति में रुकना नहीं चाहिए। अगर आप आगे बढ़ते रहे तो निश्चित ही आप अपनी दुनिया बदल देंगे। ये मेरा बिस्वास है।
परंतु क्या ये वक्त हमेशा के लिए होता है, जी नहीं ये वक्त भी बहोत जल्दी गुजर जाता है। किन्तु, लोग यहीं पे हताश हो जाते है और या तो मार्ग बदल देते है या फिर चलना ही छोड़ देते है। मेरे हिसाब से ऐसे वक्त में आपको चलना नहीं छोड़ना चाहिए बस अपनी गती को थोड़ी धीरे कर लेनी चाहिए और चौकन्ना हो जाना चाहिए जिससे कि आपको ठोकर न लगे, किन्तु किसी भी परिस्थिति में रुकना नहीं चाहिए। अगर आप आगे बढ़ते रहे तो निश्चित ही आप अपनी दुनिया बदल देंगे। ये मेरा बिस्वास है।
उम्मीद करता हूं कि इस प्रेरणादायक कविता से आपको काफी प्रेरणा मिली होगी ऐसे ही और प्रेरणादायक कविताएं पढ़ने
के लिए आप मेरी वेबसाइट www.powerfulpoetries.com पर जा सकते है जहां से आप आपने आप को लगातार Motivate कर सकते है।
Thank
you for reading this
Hindi Motivational Poem
"This
is not only a Hindi Motivational Poem but also a Life Changing Poem."
This comment has been removed by the author.
ReplyDeleteआपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" शनिवार 17 जुलाई 2021 को लिंक की जाएगी ....
ReplyDeletehttp://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद! !
सार्थक सुंदर संदेशपूर्ण रचना !
ReplyDelete