हिम्मत बढ़ाने वाली हिंदी प्रेरक कविता। ऐ वक्त मुझे आजमा ले तू।
चलना नहीं आता मुझको
तो बार-बार गिरा ले तू।
वक्त आज तेरी बारी है
जी भर के आजमा ले तू।
झूठ नहीं की तेरे आगे
जोर नहीं चल पाता है।
बड़े बड़े सूरमाओं को तू
आगे अपने झुकाता है।
बनके काले बदल जब
तू मंडराया करता है।
महल में रहने वालो को
वन वन भटकाया करता है।
दिन दिखलाया सबको जो
आज मुझे दिखला ले तू।
वक्त आज तेरी बारी है
जी भर के आजमा ले तू।
माना तू बलवान बहोत है
पर एक जिद भी मेरी है।
इन्हीं राह पे दौडूंगा मै
भले ही थोड़ी देरी है।
लाख दिखा ले आंखे किन्तु
डर के मै न हारूंगा।
मै तकदीर का मालिक हूं
लड़के भी इसे सवारूंगा।
रफ्तार इन्ही कदमों में होगी
देख अभी मुस्कुरा ले तू।
वक्त आज तेरी बारी है
जी भर के आजमा ले तू।
दो कदम मुझे चलाने में
कई बार गिराया है तूने।
किन्तु गिरा गिरा के कितने।
सबक सिखाया है तूने।
उठने से जो डरते थे
ना बढ़ने से घबराते है।
एक कदम बढ़ाने के
अब कई तरीके आते है।
कदम ना पीछे हटने वाले
ताकत और बढ़ाले तू।
वक्त आज तेरी बारी है
जी भर के आजमा ले तू।
हालातो से अनजान था जिन
हालातों को समझाया है।
मार मार के ठोकर मुझको
और मजबूत बनाया है।
एक तरफ तो रूठा हूं तुझसे
एक तरफ तेरा कायल हूं।
उसी चोट से संभला हूं,
जिस चोट से तेरे घायल हूं।
सबक कई हैं तेरे चोट में तेरे
कोड़े और बरसाले तू
कोड़े और बरसाले तू
वक्त आज तेरी बारी है
जी भर के आजमा ले तू।
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(इस कविता का copyright कराया जा चुका है। इस कविता का मकसद आपको प्रेरित करना है। किसी भी व्यायसायिक कार्य में बिना अनुमति के इसका प्रयोग वर्जित है।)
निचे इस कविता का उदेश्य एवं संक्षिप्त विवरण दिया जा रहा हैं जिसे आपको अवश्य ही पढ़नी चहिये क्योंकि यह प्रेरणा से भरा हुआ एक अति-प्रेरणादायक लेख हैं।
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कविता का उद्देश्य एवं संक्षिप्त विवरण
चलना नहीं आता मुझको
तो बार-बार गिरा ले तू।
वक्त आज तेरी बारी है
जी भर के आजमा ले तू।
इस कविता में एक ऐसे व्यक्ति को दर्शाया गया है, जो अपने कार्य में बार-बार असफल होता है, किन्तु हार स्वीकार नही करता है। वह वक्त को चुनौती देते हुए कहता है कि आज मुझे पता नहीं है कि मै किस रास्ते पे चलूं , कैसे काम करू कि अपने कार्य में सफल हो जाऊं। आज मै अपने कार्य-कौशल में एक अबोध बालक जैसा हूं, जिसे तू बार- बार गिरा रहा है, बार-बार आजमा रहा है क्योंकि आज तेरी बारी है, किन्तु याद रख मै भी हार नहीं मानने वाला। जो मेरा लक्ष्य है उसे तो मैं प्राप्त करके ही रहूंगा।
झूठ नहीं की तेरे आगे
जोर नहीं चल पाता है।
बड़े बड़े सूरमाओं को तू
आगे अपने झुकाता है।
यह तरह सत्य है कि वक्त के आगे किसी का जोर नहीं चलता है। बड़े-बड़े वीर-योद्धा, प्रकर्मी भी इसके आगे नतमस्तक हो जाते है, परन्तु वह मानता है कि यह तो सबके साथ होता है तो मेरे साथ भी होगा और यही सोच उसको लड़ने की शक्ति देती है।
माना तू बलवान बहोत है
पर एक जिद भी मेरी है।
इन्हीं राह पे दौडूंगा मै
भले ही थोड़ी देरी है।
वह स्वीकार करता है कि 'ये वक्त तू बहुत बलवान है' परन्तु मेरी भी एक जिद है की जिस रास्ते पे मै आज बार-बार गिर रहा हूं उसी रास्ते पे एक दिन मै दौड़ भी लगाऊंगा इसमें भले ही थोड़ा वक्त लग जाए'।
एक तरफ तो रूठा हूं तुझसे
एक तरफ तेरा कायल हूं।
उसी चोट से संभला हूं जिस
चोट से तेरे घायल हूं।
वह कहता है कि हर कदम पे तूने मुझे चोट दिया है पर ऐसा नहीं है कि तेरा चोट व्यर्थ है। तूने हर चोट से मुझे कुछ न कुछ सिखाया भी है, हर चोट में तेरी एक शिक्षा थी जो तूने मुझे दी है।
मै दुनिया की जिस वास्तविकता से अनजान था तूने वो भी मुझे समझाया है और सच कहूं तो तूने मुझे चोट दे दे कर और मजबूत बना दिया है।
इसलिए एक तरफ तो तुझसे रूठा हूं, नाराज हूं की तूने मुझे बहुत चोट दिया है, बहुत तकलीफ दिया है परन्तु दूसरी तरफ तेरा कायल भी हूं कि यदि तू ये चोट नहीं देता तो शायद मै आज संभला भी नहीं होता। इसलिए ऐ वक्त तेरा बहोत बहोत शुक्रिया।
मुझे उम्मीद है कि इस कविता से आपको काफी प्रेरणा मिली होगी और आप भी ये समझ रहे होंगे कि वक्त हमारे साथ जो भी करता है वो कहीं न कहीं हमारे भले के लिए ही होता है।
ऐसे ही और भी प्रेरणादायक कविताएं पढ़ने के लिए आप मेरी वेबसाइट www.powerfulpoetries.com पे जा सकते है जहां से आप अपने आप को लगातार प्रेरित कर और रिचार्ज कर सकते है।
Thank
you for reading this
Hindi Motivational Poem
"This
is not only a Hindi Motivational Poem but also a Life Changing Poem."
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