जीवन बदलने वाली हिंदी प्रेरक कविता। मेहनत व्यर्थ न जाती है।
Life Changing Poem in Hindi
भाग्य पे रोने वालो को तो
हर मंजिल ठुकराती है।
किन्तु जो प्रयत्न करें तो
मेहनत व्यर्थ न जाती है।
वह छोटा सा एक परिंदा
उड़ने को निकलता है।
जोर लगाता कई बार वो
कई बार ही गिरता है।
रोज करें अभ्यास नहीं तो
कोशिश रंग न लाती है।
किन्तु जो प्रयत्न करें तो
मेहनत व्यर्थ न जाती है।
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रहते है उम्मीद में जो कि
मंजिल पास ही आ जाए।
जीत हर अखाड़े के वो
बिन लड़े ही पा जाए ।
पास कभी इन कायरों को
मंजिल नहीं बुलाती है।
किन्तु जो प्रयत्न करें तो
मेहनत व्यर्थ न जाती है।
मेहनत व्यर्थ न जाती है।
परिणामों के फिक्र बिना जो
रणभूमि में जाते है।
विजय प्राप्त वहीं करते जो
हार को भी अपनाते है।
युद्ध बिना तो जिंदगी ये
कहां कभी चल पाती है।
किन्तु जो प्रयत्न करें तो
मेहनत व्यर्थ न जाती है।
युद्ध बिना तो जिंदगी ये
कहां कभी चल पाती है।
किन्तु जो प्रयत्न करें तो
मेहनत व्यर्थ न जाती है।
साहस और प्रयत्न बिना तो
तिनका भी न हिलता है।
लहरों से भयभीत होने पर
मोती कभी न मिलता है।
याद रहे संघर्ष बिना
सफलता पास न आती है।
तिनका भी न हिलता है।
लहरों से भयभीत होने पर
मोती कभी न मिलता है।
याद रहे संघर्ष बिना
सफलता पास न आती है।
किन्तु जो प्रयत्न करें तो
मेहनत व्यर्थ न जाती है।
मेहनत व्यर्थ न जाती है।
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(इस कविता का copyright कराया जा चुका है। इस कविता का मकसद आपको प्रेरित करना है। किसी भी व्यायसायिक कार्य में बिना अनुमति के इसका प्रयोग वर्जित है।)
निचे इस कविता का उदेश्य एवं संक्षिप्त विवरण दिया जा रहा हैं जिसे आपको अवश्य ही पढ़नी चहिये क्योंकि यह प्रेरणा से भरा हुआ एक अति-प्रेरणादायक लेख हैं।
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भाग्य पे रोने वालों को तो
हर मंजिल ठुकराती है।
किन्तु जो प्रयत्न करें तो
मेहनत व्यर्थ न जाती है।
किसी के लिए नौकरी पे जाना और रोज रोज इसके दबाव (प्रेशर) को सहन करना एक युद्ध जैसा है, किसी के लिए व्यापार में प्रतिस्पर्धा के बीच टिके रहना एक युद्ध जैसा है और किसी के लिए रोजगार ढूंढ़ना एक युद्ध जैसा है। तो क्या इस युद्ध में हम हारकर अपना जीवन यापन कर सकते है? मेरा जवाब है 'नहीं' शायद आपका भी यही जवाब होगा, हा किन्तु अगर ये काम आपको युद्ध जैसा लगता है तो आपको इसका विकल्प अवश्य ढूंढ़ना चाहिए।
इस कविता का मुख्य उद्देश्य उन लोगों को प्रेरित करना है जो लोग मेहनत और अभ्यास को कम महत्व देते हुए अपनी असफलता को भाग्य के ऊपर थोप देते है। उनका मानना होता है कि कामयाबी किस्मत में लिखी होती है तो जरूर मिलती है और वह इसी सोच में सफलता पाने के मुख्य हथियार यानी 'मेहनत और प्रयत्न' से दूर हो जाते है।
मै मानता हूं कि कई लोग अपनी किस्मत पे बहोत ज्यादा भरोसा करते है और उनको दृढ़ बिस्वास होता है कि जो कुछ भी नसीब में होगा वो जरूर मिल जाएगा। लेकिन इसमें दो बात है जो मै आपको बताना चाहता हूं। एक तो यह कि किसी को पता ही नहीं है कि किसके भाग्य में क्या लिखा है तो यह एक अंधेरे में तीर चलाने वाली बात हो गई और दूसरी बात है कि ऐसा बोलकर, या ऐसा सोचकर व्यक्ति अपनी हिम्मत और धैर्य को धराशाई कर देता है जिससे सफलता की तरफ बढ़ने के सारे मार्ग लगभग बंद हो जाते है।
मै यहां भारत के पूर्व राष्ट्रपति माननीय ए पी जे अब्दुल कलाम जी के द्वारा कहीं गई एक बात बताना चाहता हूं। वो कहते है कि ' इंतेजार करने वालो को सिर्फ उतना ही मिलता है जितना कोशिश करने वाले छोड़ देते है'।
अब निर्णय आपको लेना है कि आप क्या करना चाहते है 'प्रतीक्षा या प्रयत्न'
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परिणामों के फिक्र बिना जो
रणभूमि में जाते है।
विजय प्राप्त वहीं करते जो
हार को भी अपनाते है।
युद्ध बिना ये जिंदगी
कहां कभी चल पाती है।
किन्तु जो प्रयत्न करें तो
मेहनत व्यर्थ न जाती है।
युद्ध बिना ये जिंदगी
कहां कभी चल पाती है।
किन्तु जो प्रयत्न करें तो
मेहनत व्यर्थ न जाती है।
यहां रणभूमि का मतलब है आपके कर्म का क्षेत्र और इस कर्म क्षेत्र में आपको परिणाम की चिंता किए बिना ही जाना है क्यूंकि परिणाम तो आपके हाथ में है ही नहीं। पर एक बात और है कि बिना कर्म किए तो परिणाम भी नहीं आ सकता। तो कर्म तो हर हाल में करना ही है। अब ये आप पे निर्भर करता है कि आप खुश और उत्साहित होकर कार्य करना चाहते है या फिर कुंठित और उदास होकर करना चाहते है।
दूसरी बात यह है कि जीत तो उसी की होती है जो लड़ता है, वह कभी हारता है या कभी जीतता है परन्तु जो लड़ता ही नहीं है उसकी जीत कैसे हो सकती है।
एक बात और महत्तवपूर्ण है कि यह जीवन युद्धों से भरा हुआ है। ये युद्ध वो नहीं जो सिर्फ हथियारों से लड़ा जाए, बल्कि यहां हर कोई रोज किसी न किसी समस्या से लड़ता है और जीतता भी है क्योंकी हर जगह हारकर तो जीवन यापन हो ही नहीं सकता।
किसी के लिए नौकरी पे जाना और रोज रोज इसके दबाव (प्रेशर) को सहन करना एक युद्ध जैसा है, किसी के लिए व्यापार में प्रतिस्पर्धा के बीच टिके रहना एक युद्ध जैसा है और किसी के लिए रोजगार ढूंढ़ना एक युद्ध जैसा है। तो क्या इस युद्ध में हम हारकर अपना जीवन यापन कर सकते है? मेरा जवाब है 'नहीं' शायद आपका भी यही जवाब होगा, हा किन्तु अगर ये काम आपको युद्ध जैसा लगता है तो आपको इसका विकल्प अवश्य ढूंढ़ना चाहिए।
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साहस और प्रयत्न बिना तो
तिनका भी न हिलता है।
लहरों से भयभीत होने पर
मोती कभी न मिलता है।
याद रहे संघर्ष बिना
सफलता पास न आती है।
तिनका भी न हिलता है।
लहरों से भयभीत होने पर
मोती कभी न मिलता है।
याद रहे संघर्ष बिना
सफलता पास न आती है।
किन्तु जो प्रयत्न करें तो
मेहनत व्यर्थ न जाती है।
मेहनत व्यर्थ न जाती है।
यह तो निश्चित है कि बिना प्रयास किए कुछ नहीं मिलता या कोई भी कार्य संभव नहीं होता। जैसे यदि आपको मोती ढूंढ़ना है तो पानी की गहराई में उतरना ही पड़ेगा। यहां आप लहरों से डरकर पानी में नहीं उतरेंगे तो मोती आपको नहीं मिलेगा ये सत्य है, तो जोखिम तो आपको लेना ही पड़ेगा।
और यदि जीवन में आपको सफलता चाहिए तो आपको संघर्ष तो करना ही पड़ेगा इसका कोई दूसरा विकल्प ही नहीं है क्योंकि बिना संघर्ष के तो सफलता आपके पास कभी भी नहीं आएगी चाहे आप हजारों ताबीज गले में बांध ले।
उम्मीद है कि आपको इस कविता से काफी प्रेरणा मिली होगी। ऐसे ही और प्रेरणादायक कविताएं पढ़ने के लिए आप मेरी वेबसाइट www.powerfulpoetries.com पे जा सकते है।
Thank you for reading this
Thank you for reading this
Hindi Motivational Poem
"This is not only a Hindi Motivational Poem but also a Life Changing Poem."
"This is not only a Hindi Motivational Poem but also a Life Changing Poem."
Very Inspirational words...
ReplyDeleteVery very good
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