अतीत पर कविता। क्या पाना क्या खोना हैं।
Hindi Poem on Past
Hindi Prernadayak kavita |
ये बोझ लिए अपने मन में
क्या उम्र भर ही ढोना हैं।
अतीत के उन लम्हों में
अब क्या पाना क्या खोना हैं।
जो लम्हें बीत चुके बरसों
उनको क्या दोहराना हैं।
माना कि सबसे प्यारे थे पर
सोच के क्या पछताना हैं।
यादों के उन पहरों में अब
खुद को न उलझाओ तुम।
पल जो पास अभी हैं उनको
खुशियों से सजाओ तुम।
बीते गुजरे उन लहरों में
कल को क्यों डूबोना हैं।
अतीत के उन लम्हों में
अब क्या पाना क्या खोना हैं।
Prernadayak Hindi kavita |
खुशहाल सी एक जिन्दगी में
जख्मों को भर देती हैं।
पतझड़ की तेज हवा वृक्षों से
पतों को छीन लेती हैं।
ये बुरा सा दौर भी किन्तु
कुछ पल ही रह पाता हैं।
अनगिनत हरे पतों से
दामन फिर भर जाता हैं।
जो खो दिया सो खो दिया
उनके लिए क्या रोना हैं।
अतीत के उन लम्हों में
अब क्या पाना क्या खोना हैं।
Sangharsh Pe Kavita |
ज्येष्ठ की तीखी धूप में भी
नदियाँ पूरी सुख जाती हैं।
रंग बिरंगे कई जीवों को
आँगन से गवाती हैं।
इस अकेलापन को लेकिन
सावन दूर भगाता हैं।
फिर उन्ही प्यारे जीवों से
आँगन उसका भर जाता हैं।
यही रीत हैं दुनिया की ये
युगो युगो तक होना हैं।
अतीत के उन लम्हों में
अब क्या पाना क्या खोना हैं।
Hindi Motivational Poem |
सुख से दामन भरता हैं तो
दुःख भी ये दिखलाता हैं।
समयचक्र के आगे तो ना
जोर तनिक चल पाता हैं।
रुकता किन्तु वक्त नहीं
निरंतर चलता रहता हैं।
अंतराल में कुछ पल के
खुद ही बदलता रहता हैं।
दिया उसी ने लिया उसी ने
फिर उदास क्या होना हैं।
अतीत के उन लम्हों में
अब क्या पाना क्या खोना हैं।
कविता का उद्देश्य एवं संक्षिप्त विवरण
यह कविता ऐसे लोगो को ध्यान में रख कर लिखी गई हैं जो लोग हमेशा अपने अतीत यानि बीते हुए दिनों में खोये रहते हैं और दिन रात उन्ही की चर्चा करते रहते हैं। चाहे वह अप्रिय घटना हो या कोई सुखद अनुभव हो। चलिए जिन लोगो के पास पूरा समय हैं जैसे हमारे घर के बुजर्ग लोग उनके लिए तो ये ठीक हैं लेकिन जिनके कंधो पे कई जिम्मेदारी हैं वो लोग भी ऐसा करके अपना वर्तमान और भविष्य दोनों खराब कर लेते हैं।
ये वर्तमान और भविष्य दोनों कैसे खराब होते हैं ये उदाहरण से समझते हैं। मान लीजिये आपको एक सुनहरे टूर पे निकलना हैं तो आपने अपनी गाड़ी निकाली और ड्राइविंग शीट पर बैठ गए लेकिन आप फ्रंट मिरर के बजाय बैक मिरर में ज्यादे देख रहे हैं तो क्या आपका टूर सुखद हो पायेगा। जी नहीं यदि आप बार बार पीछे ही देखते रहेंगे तो आप गाडी को एक अच्छी गति से ड्राइव नहीं कर पाएंगे और यदि गाड़ी तेज चला भी ली तो दुर्घटना निश्चित हैं। इसीलिए गाड़ी में बैक मिरर छोटा और फ्रंट मिरर बड़ा होता हैं जो हमें बतलाता हैं कि जीवन में सदैव आगे देख कर ही चलना हैं पीछे अगर जरुरत हैं तो एक नजर मारिये और आगे बढ़ते रहिये।
किन्तु फिर भी कई लोग अपने अतीत से निकल ही नहीं पाते और अपना वर्तमान के साथ साथ भविष्य को भी अतीत के नदी में ही डुबो देते हैं। जीवन में कई घटनाये सच में ऐसी होती हैं जिन्हे भुलाया नहीं जा सकता लेकिन फिर भी इससे जीवन ठहर तो नहीं जाता। जीवन चलता रहता है और हम आगे बढ़ते रहते हैं। बड़ी बड़ी घटनाएं भी कुछ समय पश्चात धुँधली पड़ने लगती हैं यदि इंसान खुद ही उसे बार बार न दोहराये।
सबसे अप्रिय घटना होती हैं किसी व्यक्ति से उसका सबसे प्रियजन का हमेशा के लिए दूर हो जाना। लेकिन हम ऐसी घटनाओं के बारे में चर्चा नहीं कर रहे हैं हम तो सिर्फ परिस्थितियों के बदलने पर जो व्यक्ति हमेशा के लिए टूट जाते हैं उनकी बात कर रहे हैं। उन्हें कई उदाहरण से बताना चाहते है कि यदि आपकी परिस्थिति किसी कारणवश अच्छी से बुरी हो गई हैं तो इसमें टूटने कि बात नहीं हैं क्योंकि पतझड़ तो हर वृक्ष के जीवन में कई बार जरुर ही आता हैं। आपने भी देखा होगा कि कैसे पतझड़ में वृक्ष के सारे पत्ते सुखकर टूटकर उससे अलग हो जाते हैं। किंतु क्या वृक्ष भी इससे हताश होकर टूटकर गिर जाता ? जी नहीं धैर्य के साथ समय की प्रतीक्षा करता हैं और समय उसको फिर से हरा भरा कर देता हैं। यही समय चक्र का खेल हैं।
ठीक ऐसे ही नदी भी कभी सुख कर बंजर हो जाती हैं, कोई भी जीव उसके पास नहीं रह जाते। किन्तु फिर वही समयचक्र का खेल होता हैं और वही नदी फिर से पानी से भर जाती हैं, उसके चारो ओर हरियाली दिखने लगती हैं और उसके आँगन में फिर से कई जीव उछलने कूदने लगते हैं। ठीक ऐसे ही व्यक्ति के जीवन में भी होता रहता हैं। कभी उसके बुरे दिन आ जाते हैं तो कुछ समय बाद ही उसके अच्छे दिन भी शुरू हो जाते हैं। किन्तु इन अच्छे बुरे के चक्कर में वह व्यक्ति स्वयं ही चक्कर खा जाता हैं और हमेशा घबराया रहता हैं कि फिर से बुरे दिन न शुरू हो जाये।
आपने ECG रिपोर्ट तो देखी ही होगी जो हमरी जीवन रेखा हैं, वो हमेशा ऊपर निचे चलती हैं सीधे होने का मतलब हैं जीवन थम गया। ठीक ऐसे ही वास्तविक जीवन में भी परिस्थिति ऊपर निचे होती रहती हैं। यहाँ भी सीधे होने का मतलब हैं कि व्यक्ति सांसारिक सुख-दुःख से ऊपर उठकर मोक्ष को प्राप्त हो गया हैं।
यदि आप एक सामाजिक जीवन जी रहे हैं तो यह निश्चित हैं कि आपको समयचक्र के हर दौर से गुजरना ही पड़ेगा। यह केवल आपके लिए ही नहीं हैं, यह सभी के लिए हैं यहाँ तक कि पृथ्वी पर रह रहे हर जीव जंतु के लिए हैं। आप इंसान हैं इसलिए आप इसका चिंतन कर सकते हैं।
आप समय की धारा को तो नहीं बदल सकते लेकिन ऐसी कविताएं ऐसे लेख पढ़कर अपने आप को तैयार कर सकते हैं जिससे कि आप हर परिस्थिति का सामना हँस कर सके।
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