Encourage yourself !! Best poem for self motivation !!
!! ये लहरें है तूफान की !!
सूझबूझ की तेरे सुन
है वक्त ये पहचान की।
सोच समझ कर बढ़ आगे
ये लहरें है तूफान की।
कर तनिक तू आंकलन
जरा इसकी रफ्तार की।
अति-उत्साह कही ये कारण
बन जाये न हार की।
धैर्य न अपना फंसने दे तू
शीघ्रता के जाल में न।
नहीं तो खुद ही घिर जायेगा
खुद के ही सवाल में।
भाँप तेरे संयम की शायद
दौर है ये इन्तहान की।
सोच समझ कर आगे बढ़
ये लहरें है तूफान की।
वक्त में है उथल पुथल तो
गति को अपने धीरे कर।
थमने दे तुफानो को
फिर अपनी रफ्तर पकड़।
जज्बा, जोर, जूनून में तू
कुशलता को छोड़ नहीं।
है नियम कुछ कुदरत के भी
अहंकार में तोड़ नहीं।
वक्त के आगे ताकत कोई
चलती नहीं इंसान की।
सोच समझ कर आगे बढ़
ये लहरें है तूफान की।
कहता नहीं तू पीछे हट
कहता नहीं बेवजह ही लड़।
हिरण नहीं शेरो की भांति
चतुराई से आगे बढ़।
कहा छुपना है कहा दिखना है
कहा रुकना कहा चलना है।
कहा सम्भल के कदम बढ़ाना
कहा रफ्तार बदलना है।
पीछे हटना, धीरे चलना
है बात नहीं अपमान की।
सोच समझ कर आगे बढ़
ये लहरें है तूफान की।
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कविता का उद्देश्य एवं संक्षिप्त विवरण
सूझबूझ की तेरे सुन
है वक्त ये पहचान की।
सोच समझ कर बढ़ आगे
ये लहरें है तूफान की।
जीवन में कई ऐसे दौर आते है जहाँ इंसान की संयम और सूझबूझ की परीक्षा होती है। जो लोग समझदार होते है वो ऐसे वक्त का आदर और सम्मान करते हुए संयम से काम लेते हुए इस दौर से आगे निकल जाते है। लेकिन जिनके अंदर थोड़ा अहंकार होता है कि मैं इस वक्त की धारा को बदल दूंगा वो इसके चक्रव्यू में फंसकर निकल नहीं पाते।
आत्मविश्वास और अहंकार में थोड़ा सा फर्क होता है आत्मविश्वास में इंसान भ्रमित नहीं होता और वही करता है जिसके करने का विश्वास होता है। लेकिन अहंकार में लोग भ्रमित होकर ऐसे ऐसे काम करने लगते है जो खुद के ही रास्ते में रोड़ा बन जाता है। इसलिए ये जरुरी है कि समय की धारा को समझते हुए आगे बढ़े न कि विपरीत दिशा में चलकर खुद को ही इससे दूर कर लें।
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वक्त में है उथल पुथल तो
गति को अपने धीरे कर।
थमने दे तुफानो को
फिर अपनी रफ्तर पकड़।
यदि वास्तव में आपको लगता है कि वक्त में बहोत उथल पुथल है यानि समय ठीक नहीं है और हर तरफ असफलता, असंतोष का माहौल है तो आप थोड़ा रुकिए। अपने चलने की गति को कम कीजिये और इंतजार कीजिये माहौल बदलने का ये माहौल बहोत जल्दी बदल जाता है। जैसे ही माहौल बदल जाये अपनी रफ्तार बढ़ा दीजिये। सोचिये आप कार से जा रहे हो और सड़क पे जाम लगा हो तो आप क्या करते है? जाम के साथ धीरे धीरे चलते है लेकिन जैसे ही जाम से निकल जाते है अपनी रफ्तार पकड़ लेते है। ठीक यहीं तो करना है बुरे वक्त में भी।
उम्मीद करता हुँ कि इस कविता और ऊपर लिखें संक्षिप्त विवरण (लेख) को पढ़ने से आपको काफी प्रेरणा मिली होगी। ऐसी और भी प्रेरणादायक कविता पढ़ने के लिए आप मेरी वेबसाइट www.powerfulpoetries.com पे जा सकते हैं।
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